आबकारी विभाग में नियमों की उड़ रही धज्जियाँ।

 छत्तीसगढ़ियावाद की झप्पी देकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के अधिकारीयों ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय बेरोजगारों का भरपूर शोषण किया है। सत्ता प्राप्ति से पूर्व किए गए घोषणाओं / वादों को जिसे पूरे कार्यकाल में अंजाम नहीं दिया जा सका; उसे अब चला चली की बेला में पूरा कर देने का जज्बा लिए जिल्ल-ए-इलाही फुल फार्म में नजर आ रहे हैं ! कोरोना काल में लड़खड़ाती सरकार के लिए बैशाखी बनकर जिस आबकारी विभाग ने सरकार को सम्हाला उसी विभाग के अधिकारी, अब सरकार की साख में बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

रायपुर 27/09 : प्रदेश में बेरोजगारों से जिस तरह से छल किया जा रहा है वह बेहद चिंतनीय है। नौकरियां नहीं मिलने से प्रदेश के सैकड़ों युवक-युवतियों की आयु सीमा खत्म हो गई है या फिर खत्म होने के कगार पर है। चाहे वह डीकेएस सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में 22 हजार युवाओं से आवेदन लेने के बावजूद परीक्षा नहीं लेने और 66 लाख रुपए फीस वापस नहीं करने का मामला हो या फिर राजस्व विभाग में महज 61 पदों के लिए लगभग 52 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन से जुड़ा मुद्दा, अथवा आबकारी विभाग में ही आबकारी अधिनियम 1915 एवं बनाये गये नियमों के प्रतिपालन की अनदेखी। बेरोजगारी भत्ता की तो बात ही छोड़ दीजिए। 

प्लेसमेंट एजेंसी A to Z से जुड़ा है गड़बड़झाला का तार 

जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग में नियमत : प्रबंध निदेशक, सीएसएमसीएल द्वारा प्रतिनियुक्त प्रभारी अधिकारी की मांग के अनुसार संबंधित जिलों में देशी और विदेशी शराब दुकानों में प्लेसमेंट एजेंसी A to Z के मार्फ़त; जरुरत के मुताबिक कर्मचारियों की पूर्ति की जाती है जिसके लिए योग्य एवं सामर्थ्यवान बेरोजगारों से एक निर्धारित शुल्क लेकर उन्हें सुपरवाइजर और सेल्समेन की नियुक्ति की जाती रही है।

उक्त पद के लिए शैक्षणिक योग्यता के साथ साथ उम्र और अन्य बाध्यता के साथ यह जरुरी है कि चुने हुए युवकों को छत्तीसगढ़ के निवासी होने के अलावा स्थानीय (बेरोजगार) को प्राथमिकता दिए जाने का नियम है। 

स्थानीय बेरोजगार युवकों के हक़ को लूट रहें बाहरी।
अधिकारी बने प्रश्रयदाता। 

यह सिलसिला फिलवक्त तक सुचारु रूप से चल रहा था कि अचानक, महासमुंद से तबादला में आए मुख्य जिला आबकारी अधिकारी विजय सेन शर्मा के आमद होते ही स्थानीय बेरोजगारों को दरकिनार करते हुए, बाहरी युवाओं को; जो हैं तो छत्तीसगढ़ के ही मगर मूलतः बिहार एवं दीगर राज्यों से जिनका सम्बन्ध हैं, को गुपचुप तौर पर राजधानी के शराब दुकानों में फर्जी तरीके से भर्ती किए जाने की खबर से लॉबी में सेवा प्रदाय कर रहे स्थानीय युवाओं में आक्रोश पनप रहा है।
चौकाने वाली खबर यह है कि महोदय के रहमोंकरम पर एक गैर शासकीय व्यक्ति जिसका नाम हेमंत बताया जाता है,

हेमंत
दरअसल यही वह शख्स है जो शराब दुकानों में औचक निरीक्षण कर छत्तीसगढ़ के युवकों को छंटनी कर बिहारी/बनिया की फर्जी नियुक्ति में महती भूमिका निभा रहा है।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर दर्जन भर बाहरी युवाओं की भर्ती

गुप्त सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश गुप्ता, महाप्रबंधक प्लेसमेंट एजेंसी A to Z (आबकारी), जिसे रायगढ़ में मिलावटखोरी के चलते जेल जाना पड़ा था; ने अपने लंगोटिया ‘पंकज गुप्ता‘ नामक एक ऐसे व्यक्ति को न जाने किस अधिकार से प्रभार सौंपा है ! जिसके इशारे पर 12 लड़कों को जिसके बारे में ना सिर्फ दूसरे जिला का; बल्कि दूसरे राज्य से होने का दावा किया जा रहा है की फर्जी भर्ती किया गया है…! 

 छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने उठाया मुद्दा 

एक पुख्ता प्रमाण के मुताबिक रायपुर जिले में अधिकृत प्लेसमेंट एजेंसी A to Z के मार्फ़त; व्यास तालाब के पास स्थित देशी मदिरा दुकान में मुकेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति जो सेल्स मैन का काम करता है की शिकायत जिला प्रबंधक, आबकारी विभाग रायपुर से इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद फहीम शेख ने किया है कि ये व्यक्ति यहां का मूल निवासी नही है और इसके द्वारा जो भर्ती के समय जो दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए जमा किया गया है वह फर्जी है।

इसी तरह रायपुर के ही गंज स्थित देशी मदिरा दुकान में पदस्थ सुरेश यादव जो मूलतः बिहार का रहने वाला है खुद को बलरामपुर का निवासी बता कर फर्जी दस्तावेज के सहारे पंकज गुप्ता ने इसको भर्ती कर रखा है। इसके अलावा भी ट्रांसपोर्ट नगर में संचालित देशी मदिरा दुकान में मुकेश नमक युवक का और पुरानी बस्ती में नितेश और कटोरा तालाब स्थित विदेशी मदिरा दुकान में 2 अन्य लोगों को नियुक्ति देकर प्रदेश के बेरोजगार युवकों के हक़-ओ-अधिकार का हनन किया जा रहा है।

जिम्मेदारों ने जवाब देने से मुंह मोड़ लिया 

उपरोक्त सम्बन्ध में जब हमारे द्वारा मुख्य जिला आबकारी अधिकारी विजय सेन शर्मा को उनके मोबाईल नम्बर 9179762307 पर फोन कर सच जानने का प्रयास किया गया तो साहब का मोबाइल उनके लिए इतना भारी भरकम हो गया कि वह अपना मोबाइल भी उठाने के काबिल नहीं रहे। फिर भी जब हमने अपने दूसरे प्रयास में महादेव कांवरे जी को भी उनके मोबाइल नम्बर 9425229296 पर सम्पर्क साधने का प्रयास किया मगर उनकी ओर से एक sorry, I can’t talk right now का शिगूफा छोड़ अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लिया।

दिनेश सोनी
सम्पादक : हाईवे क्राइम टाइम्स


 


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