RAIPUR : गाँडू बैठे गद्दी; साधू चले किनार, सती बिचारी भूख मरै; लडुवा खाय छिनार...

उपरोक्त पंक्ति छत्तीसगढ़ी कहावत से उद्दृत है जिसका शाब्दिक अर्थ है "गाँडू" (बदमाश) गद्दी पर बैठता है और साधू (सज्जन) इधर-उधर भटकता है। सती (पतिव्रता नारी) बेचारी भूखों मरती है और छिनाल (कोठे वाली) लड्डू खाती है। हैरान कर देने वाली बात है कि यह कहावत उसी प्रदेश से जुड़ा हुआ है जिस प्रदेश में "सुशासन" का ढोल पीट - पीटकर एक नहीं; दो नहीं, बल्कि एक ही पटरी पर तीन - तीन इंजन दौड़ने लगा है...! 

कुछ ऐसा ही मामला संजारी बालोद विधानसभा के कांग्रेसी विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा के बेहद करीबी एक छुटभैया से जुड़ा है जो फ़िलहाल तो सैंया राम है लेकिन क्षेत्र क्रमांक 14 से जिला पंचायत सदस्य के दावेदारी ठोकते हुए भैया राम बनने की पुरजोर तैयारी में लगा हुआ है।

रायपुर : धमतरी से बस्तर की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 से लगे बालोद जिला के तहत गुरुर जनपद के सीमांत ग्राम पंचायत मिर्रीटोला जहाँ की आबादी लगभग 5000 के आसपास होगी, में सरकारी जमीन कब्जाने और खरीदी ब्रिक्री का खुलेआम खेला होबे है। सूत्र बताते है कि यह काम कोई दलाल नहीं, बल्कि सैंया राम अर्थात रसूखदार सरपंच पति जितेंद्र यादव के दबंगई में बेख़ौफ़ अंजाम दिया जा रहा है। 

ग्राम पंचायत मिर्रीटोला राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे होने के कारण यहाँ की एक-एक इंच जमीन (बेशकीमती है) कीमत की दृष्टिकोण से सोना उगलने वाली है जिसके चलते जमीन दलाली करने वालों की गिद्ध निगाह गड़ी हुई है। हैरानी की बात यह कि बात को हलके में इसलिए नहीं लिया जाना चाहिए जहाँ इसी ग्राम के निवासी पुन बाई पति संतोष गोंड़ को "प्रधानमंत्री आवास योजना" का लाभ इसलिए नहीं मिल पाया कि "गांव में मकान बनाने हेतू जमीन नहीं होने के चलते आवास योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि को लौटाना पड़ रहा हो...!" 

 ऐसा नहीं है कि मामले की जानकारी प्रशासनिक हल्कों ने नहीं होगी। मगर; 'बात' जहाँ राजनीति करने वालो के संरक्षण में हो, तो प्रशासनिक हल्के में बैठे लोग "बात को" हलके में ले लेते हैं। चूँकि मामला प्रशासनिक (शासकीय आबादी जमीन का) है और प्रशासनिक आतंकवादियों के सरपरस्ती में ही उक्त जमीन की अफरा-तफरी का खेल हो रहा है वह भी एक (जनप्रतिनिधि) सरपंच पति के द्वारा जो कांग्रेस विधायक का बेहद करीबी माना जाता है। 

नेशनल हाईवे से लगा हुआ घोषित आबादी की जमीन जिसका खसरा नंबर 182/2, एवं 183/3 है। उक्त घोषित आबादी की जमीन को गुरूर और धमतरी शहर में रहने वाले बड़े कारोबारियों को कौड़ियों के दाम आंबटित किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। फ़िलहाल उक्ताशय को लेकर जीतेन्द्र यादव से उनका पक्ष जानने हेतु उनके मोबाइल नंबर पर अथक प्रयास किया गया मगर रिंग जाती रही और हम अनुत्तरित रहे ...

दिनेश सोनी
8718947100


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