उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में लापरवाही करने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया ने चार पंचायत सचिवों को एक माह की जेल की सजा सुनाई है। सीईओ ने स्वयं के न्यायालय में सजा सुनाकर सीधे जेल भेज दिया। ऐसा मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है। इस मामले के बाद से समूचे जिला में पदस्थ सचिवों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।
किस मामले में जेल हुई है आइए जानें।
खबरों के मुताबिक आरोपी सभी चारो सचिवों पर शासकीय योजनाओं की राशि आहरण करने का आरोप लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार, इन सचिवों पर आरोप है कि उन्होंने ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों की राशि को निजी कामों में खर्च किया है। उन पर यह भी आरोप है कि बिना काम कराए ही सरकारी पैसे निकाल लिए। जिला पंचायत ने न्यायालय में सुनवाई के बाद धारा 40 और 92 के तहत आरोपी चारों सचिवों के खिलाफ वारंट जारी किया और उन्हें एक महीने के लिए सिविल जेल भेजा है।
सीईओ का बयान
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अभय सिंह ओहरिया |
सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने बताया कि यह कार्रवाई पंचायत राज अधिनियम के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में अन्य सचिवों को भी सचेत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेल भेजे गए सचिव कार्य योजना के अनुरूप काम नहीं कर रहे थे और यह पंचायत में बिना काम किए ही पैसे का आहरण कर लिया था, जिसके लिए इन पंचायत सचिव को नोटिस भी दिया गया था।
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