DELHI : दिल्ली में वोटिंग से 4 दिन पहले BJP ने चली 1 चाल, वही बनी अरविंद केजरीवाल की काल! जानिए अंदर की बात

दिल्ली के दिल में भाजपा का कमल खिल गया. अरविंद केजरीवाल की झाड़ू मिट्टी में मिल गई। दिल्ली चुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी का दिल्ली चैप्टर क्लोज कर दिया। 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की वापसी हो गई. दिल्ली में आप की करारी हार का अंदाजा इस बात से भी लगाइए कि अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए, उनकी तो छोड़िए।  


आम आदमी पार्टी के टॉप ऑर्डर पूरी तरह ढेर हो गई।  मसलन मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज समेत आप के कई दिग्गज नेता हार गए।  सबसे चौंकाने वाली बात है अरविंद केजरीवाल की हार. अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों के अंतर से हरा दिया।  अब सवाल है कि अरविंद केजरीवाल हार कैसे गए?

अरविंद केजरीवाल की हार के पीछे भाजपा की वह चाल है, जो 5 फरवरी से चार दिन पहले चली गई थी।  जी हां, हम बात कर रहे हैं बजट सत्र वाले दिन की। 1 फरवरी को बजट जब बजट पेश हुआ तो मोदी सरकार ने अपने तरकश से एक ऐसी तीर चलाई जो सीधे जाकर निशाने पर लगी. जी हां, वह तीर थी इनकम टैक्स में छूट। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस दिन ऐलान किया था कि 12 लाख की कमाई पर अब कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। बस इसी ऐलान ने अरविंद केजरीवाल के हार की पटकथा लिख दी।  अब इसे समझने के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट के वोटरों के बारे में जानना होगा। 

क्या है असल वजह

दरअसल, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या करीब एक लाख है।  इन एक लाख में करीब 30 से 35 लाख वोटर सरकारी कर्मचारी हैं। मोदी सरकार के इनकम टैक्स वाले ऐलान से इन कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।  सूत्रों का कहना है कि इन कर्मचारियों ने प्रवेश वर्मा की जीत और अरविंद केजरीवाल की हार में अहम भूमिका निभाई है। इन सरकारी कर्मचारियों का वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ।  इसका नतीजा हुआ कि आज यानी 8 फरवरी को जब नतीजे आए तो भाजपा का दांव काम कर गया। अरविंद केजरीवाल की हार हुई और प्रवेश वर्मा जीत गए। 



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