RANCHI। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संथाल (झारखंड) में डेमोग्राफी में बदलाव का आरोप लगाया है। आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने रांची में पत्रकारों से बातचीत में राज्य के कई हिस्सों में ट्राइबल समाज से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि घुसपैठियों के कारण संकट बढ़ रहा है।
अलग-अलग उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट हो जाएगा कि बांग्लादेशी मुसलमान कैसे संथाल परगना की भोली-भाली आदिवासी युवतियों से शादी कर डेमोग्राफी को चेंज कर रहे हैं। इसमें यहां के सीएम हेमंत का विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है जहां एक पंचायत की मुखिया तो ट्राइबल है पर पति मुस्लिम। बांग्लादेशी मुसलमानों के कारण संथाल परगना में 25 से 30 प्रतिशत डेमोग्राफी चेंज हो चुका है। हालात ऐसे ही रहे तो वहां भी चंगाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
यह रहे उदाहरण
- साहिबगंज के बरहेट प्रखंड स्थित कदमा पंचायत के संथाली उत्तर की मुखिया सोनाली हांसदा है। उनके पति का नाम मोहम्मद आजाद है।
- कदमा पंचायत की मुखिया एंजेलना हांसदा हैं। उनके पति का नाम जैनुल शेख है।
- गोपालडीह पंचायत की मुखिया सुनीता टुडू हैं। उनके पति का नाम समनु शेख है।
- उदबा प्रखंड स्थित दक्षिण बेगमगंज पंचायत की मुखिया ललिता टुडू हैं। उनके पति का नाम उस्मान शेख है।
- राजमाइल प्रखंड स्थित लखोपुर पंचायत की मुखिया सुहागिनी सोरेन हैं। उनके पति का नाम सनाउल शेख है।
- बरहरवा प्रखंड स्थित सालगाड़ी पंचायत की मुखिया माधों मालतो हैं। उनके पति का नाम मोहम्मद रहमान विश्वास है।
- मधुवापाड़ा पंचायत की मुखिया मरंगबिरि हांसदा हैं। उनके पति का नाम समीरुल इस्लाम है।फुलभंग की पंचायत सदस्य सुनीता हांसदा हैं और उनके पति भी मुसलमान हैं।
- साहेबगंज की जिला अध्यक्ष मोनिका किस्कू हैं और उनके पति का नाम एजाज शेख है जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
- गोड्डा के तीन गांव ऐसे हैं जहां केंद्र सरकार की किसी भी योजना को लेकर आदिवासी समुदाय के किसी भी परिवार का कार्ड नहीं बना है।
- साहिबगंज के मंडरी, देवदान, झिल्ली पहाड़िया, एता घाटी, बरहेट, संथाली उत्तर व दक्षिण, उधवा में डेमोग्राफी में बदलाव हुआ है।
गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित भीखमपुर में भी कई बांग्लादेशी मुसलमानों ने आदिवासी समाज की युवतियों से शादी कर उनके नाम से जमीन खरीदी है। यह चिंता का विषय है।
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